मधुबनी जिले के अंधराठाढ़ी प्रखण्ड के हररी पंचायत निवासी अवकाश प्राप्त शिक्षक श्री हरिनन्दन ठाकुर वर्षों से अपने घर तक जाने वाली सरकारी सड़क को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराने हेतु प्रयासरत थे। इसके लिए 70 साल की उम्र में भी श्री ठाकुर ने अधिकारियों के चौखट पर सैकड़ों बार दस्तक दी। परन्तु कार्रवाई के नाम पर संबंधित पदाधिकारियों ने बीच में ही फाईल को लटका दिया। श्री ठाकुर के अथक प्रयासों के बाद 20.6.2002 को शुरू हुई कार्रवाई 27.11.02 तक चली। परन्तु जब अंचल अधिकारी अंधराठाढ़ी के पास कार्रवाई हेतु आदेश देने का वक्त आया तो 27. 11.02 के बाद उन्होंने फाईल को बिना कोई आदेश पारित किए छोड़ दिया। श्री ठाकुर को याद नहीं कि उन्होंने अंचल अधिकारी अंधराठाढ़ी की इस निष्क्रियता के खिलाफ कितनी बार जिला के वरीय पदाधिकारियों के पास फरियाद की। परन्तु किसी ने उनकी नहीं सुनी। आखिरकार श्री ठाकुर को सूचना का अधिकार कानून की जानकारी मिली तो दिनांक 04.06.07 को इसके तहत आवेदन देकर उन्होंने अंचल अधिकारी से जवाब-तलब किया। फाइलों पर कुन्डली मार बैठे अधिकारियों के लिए यह आवेदन जी का जंजाल बन गया। मजबूर होकर उन्हें श्री ठाकुर के घर तक जाने वाला अतिक्रमित रास्ता खाली कराना पड़ा। ज्ञातव्य हो कि यह सफलता श्री ठाकुर को राज्य सूचना आयोग, बिहार, पटना तक मामले को ले जाने के बाद मिली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *